नमस्कार दोस्तों आइए आज के लेख में हम बात करते हैं शेयर मार्केट के बारे में, शेयर मार्केट क्या है,(share market kya hai) किस तरह से काम करता है, क्या फायदे क्या नुकसान है और आप इसमें किस तरह से पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं। आइए जानते हैं शेयर मार्केट के बारे में इस लेख में।
शेयर बाज़ार क्या है : share market kya hai
शेयर बाज़ार , स्टॉक मार्केट, शेयर मार्केट या इक्विटी मार्केट चारों का एक ही अर्थ है। दोस्तों ये वो बाज़ार होता है जहां पर आप किसी कंपनी के शेयर खरीद सकते हो या बेच सकते हो। शेयर खरीदने का मतलब है कि आप कंपनी में का कुछ प्रतिशत हिस्सा खरीद रहे हैं यानी कुछ परसेंट आप उस कंपनी के मालिक बन रहे हो।यानी उस कंपनी को अगर प्रॉफिट होगा तो कुछ परसेंट प्रॉफिट का आपको भी मिलेगा। उस कंपनी को अगर लॉस होगा तो कुछ परसेंट उस लॉस का आपको भी सहना पड़ेगा।
दोस्तों मानलो आपके पास 10000 रुपए हैं लेकिन वो काफी नहीं है तो आप अपने दोस्त को कहते हो कि तुम भी 10,000 लगा और हम फिफ्टी फिफ्टी पार्टनरशिप करेंगे। इसका मतलब आपकी कंपनी का जो फ्यूचर में प्रॉफिट होगा उसमे से आपको 50 % और आपके दोस्त को 50 % परसेंट को मिलेगा।
इस तरह आपने आपके 50 % शेयर आपने अपने दोस्त को दे दिया। इसी तरह शेयर बाज़ार में भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। बस फर्क यह है कि वहां पर आप अपने दोस्त के पास जाने की जगह पूरी दुनिया के पास जाते हैं और कहते हो कि आप मेरी कंपनी में शेयर खरीदो।
शेयर मार्केट की शुरुआत
शेयर मार्केट की शुरुआत आज से करीब 400 साल पहले हुई थी। उस टाइम पर और आज के दिन दोस्तों लगभग हर देश का अपना एक स्टॉक एक्सचेंज है और हर देश स्टॉक मार्केट पर बहुत निर्भर बन गई है। स्टॉक एक्सचेंज वो जगह है, वो बिल्डिंग है जहां पर लोग कंपनी के शेयर को खरीदते और बेचते थे।
शेयर मार्किट के प्रकार
शेयर मार्किट को दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है: प्राथमिक बाज़ार और द्वितीयक बाज़ार।
प्राइमरी मार्केट
प्राइमरी मार्केट वो है जहां पर कंपनी आकर अपने शेयर को बेचती है।यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वह शेयर की कीमत कितनी रखे। हालांकि , इसमें कुछ नियम भी होते हैं लेकिन कंपनी शेयर की कीमत ज्यादा बढ़ोतरी या कमी नहीं कर सकती क्योंकि यह मांग पर निर्भर करता है। कितना प्राइस वहां पर लोग देने को तैयार है। वो भी देखना पड़ता है और उसपर निर्भर करता है की कंपनी शेयर की कीमत क्या रखेगी।
कंपनी इन दिनों क्या करती है? इसमें न्यूनतम कीमत और अधिकतम कीमत होती है और एक सीमा तय होती है।और उस सीमा में अपने कंपनी की शेयर बेच देती है। वैसे दोस्तों जब कंपनी अपने शेयर मार्केट में शेयर बेचती है वो कभी भी 100 % नहीं बेचती है। जो एक ओनर होता है। वो हमेशा मेजॉरिटी शेयर तो रखता है ताकि उसकी डिसीजन मेकिंग पावर बनी रहे। अगर आप सारे ही शेयर बेच डालोगे तो जितने लोगों ने शेयर खरीदे हैं, ओ सभी उस कंपनी के मालिक बन गए। उस कंपनी के तो सब डिसीजन भी ले सकते हैं। इस वजह से कंपनी सरे शेयर बेचती नहीं है।
सेकेंडरी मार्केट
जहां पर लोग अपने आप में शेयर को बेचते खरीदते हैं शेयर्स की ट्रेडिंग करते हैं। उसे सेकेंडरी मार्केट कहाँ जाता है। प्राइमरी मार्केट में कंपनी ने खुद ही कॉम्पनी की कीमत तय करि थी परन्तु अब सेकेंडरी मार्केट में कंपनी कुछ नहीं कर सकती।अब यह शेयर की कीमत ऊपर नीचे होती रहेगी यह देखकर कि लोगों के लिए शेयर खरीदने के लिए डिमांड कितनी है और सप्लाई कितनी है।
स्टॉक एक्सचेंज
लगभग हर बड़ी देश में अपनी एक स्टॉक एक्सचेंज होती है। इंडिया में भी दो सबसे पॉपुलर स्टॉक एक्सचेंज है। एक है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज जिसमें करीब करीब 500+ कंपनी रजिस्टर्ड है और एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज जिसमें 1700 + कंपनी रजिस्टर्ड है।
सेंसेक्स
सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की टॉप कंपनी का एक एवरेज ट्रेंड दिखाता है कि एवरेज आउट करके उन सारी कंपनियों के शेयर प्राइस ऊपर जा रहे हैं या नीचे जा रहे हैं। सेंसेक्स का जो नंबर है दोस्तों कि आज 72000 के करीब पहुंच चुका है।इससे हमे ये पता चलता है की पिछले 50 सालों में इन 30 कंपनी के शेयर प्राइस में कितना कितने ऊपर गए।
निफ्टी
ऐसे ही निफ्टी इंडेक्स है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की टॉप कंपनीज के शेयर प्राइस में क्या ऊपर नीचे का ट्रेंड दिख रहा है, यह निफ्टी दिखाता है।और आज निफ़्टी का प्राइस 22000 के पास हुआ है ।
आईपीओ ( इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग )
दोस्तों अगर किसी कंपनी को अपने शेयर बेचने हैं तो किसी स्टॉक एक्सचेंज पर जाकर पब्लिक लिस्टिंग कराना होता है। आज के जमाने में यह प्रक्रिया बहुत लंबी और जटिल है और होनी भी चाहिए क्योंकि सोचिए धोखा देना कितना आसान है। कोई भी नकली कंपनी बना सकता है और स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग करा के लोगों के सामने कहेगा कि मेरी कंपनी वैल्यू ज्यादा है । वह लोगों से झूठ बोलेगा और लोगों को बेवकूफ बनाकर अपनी कंपनी में पैसे निवेश कराएगा और पैसे लेकर भाग जाएगा। यहां से स्कैम करना बहुत आसान होता इस वजह से यह प्रक्रिया बहुत लंबी और जटिल है। इस वजह से रूल्स और रेगुलेशन मज़बूत बनाये गए है।
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ( SEBI )
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ( SEBI ) एक रेगुलेटरी बॉडी है। ये सभी चीजों को देखती है की कौन सी कंपनी को स्टॉक मार्केट में लिस्ट किया जाए। कौन सी कंपनी सही तरीके से काम कर रही है या नही। ब कंपनी अपने शेयर बेचने जाएगी और शेयर की अगर कोई डिमांड नहीं हुई लोगों के बीच में तो ( SEBI )कंपनी को स्टॉक मार्केट से हटा भी सकता है।
शेयर बाजार में पैसा कैसे लगाएं / stock market me paisa kaise lagaye
इंटरनेट से पहले आपको बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग में जाकर काम करना पड़ता था। लेकिन इंटरनेट के आगमन के साथ, आपको केवल तीन चीजों की आवश्यकता है। बैंक खाता, ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता। एक ट्रेडिंग खाता ताकि आप व्यापार कर सकें और कंपनी में पैसा निवेश कर सकें।डीमैट खाता इसलिए है ताकि आप जो स्टॉक खरीद रहे हैं उसे डिजिटल रूप में संग्रहीत कर सकें।
ब्रोकर
रिटेल इनवेस्टर्स यानी आम लोग जो इन्वेस्ट करना चाहते हैं उन्हें अक्सर एक ब्रोकर की जरुरत होती है ब्रोकर वो इंसान होता है, जो बायर और सेलर को एक साथ मिलता है। निचे हमने कुछ ब्रोकर की लिंक दी है उस पर क्लिक कर के आप अपना ब्रोकर अकॉउंट चालू क्र सकते है। निचे दिए लिंक से अगर आप अकॉउंटचालु करते है तो आप हमें मेल करे आपको शेयर मार्किट के बारे में शिकणे को मिलेगा।
- Angel broking – Referral code VX88564U29
- Dhan
- Zerodha